भोपाल / गंभीर आर्थिक सकंट के दौर से गुजर रही प्रदेश सरकार कई योजनाओं को शुरु करने के लिए कर्ज का इंतजार कर रही है। इन योजनाओं के लिए कर्ज पाने के लिए सरकार द्वारा कई संस्थाओं से बातचीत की जा रही है। यह कर्ज बिजली के क्षेत्र में डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम सुधार, राशन दुकानों को इंटीग्रेडेट बनाने, युवाओं के रोजगार के अवसर बढ़़ाने , मल्टी वेलेज ग्रामीण वॉटर सप्लाई करने, विभिन्न शहरों में आरओबी का निर्माण सहित सड़कों का जाल बिछाने के अलावा पर्यटन के क्षेत्र में नए-नए क्षेत्र विकसित करने के लिए लिए जाने की तैयारी की जा रही है। इन पर करीब 37 हजार करोड़ रुपए का खर्च होने का अनुमान है। यह कर्ज वल्र्ड बैंक, केएफडब्ल्यू बैंक, जापान फंड तथा एडीबी सहित एनडीबी से लेने की तैयारी की जा रही है। इनमें से कई प्रोजेक्ट शिवराज सरकार के समय से लंबित हैं। अब इनमें से कुछ पर कमलनाथ सरकार ने भी काम करना शुरु कर दिया है।
बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए ऊर्जा विभाग 1400 करोड़ की लागत वाला प्रोजेक्ट बनाया है। इसके तहत स्मार्ट मीटर लगाने डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम ठीक करने, चिंहित शहर में इंवेस्टमेंट बढ़ाने के प्रोजेक्ट पर काम प्रारंभ किया है, परन्तु इसमें फंड का अभाव रेाड़ा बना हुुआ है। इसके लिए सरकार के एफडब्ल्यू बैंक से लोन लेने के प्रयास में लगी है। इसी तरह से टॉरगेट व्यक्तियों को राशन सप्लाई की सिस्टम को सुधारने के लिए 96 करोड़ की राशि खर्च की जानी है।
आर्थिक सकंट के दौर से गुजर रही प्रदेश सरकार